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कोलकाता:
पश्चिम बंगाल सरकार और राजभवन के बीच बढ़ रही ‘दरार’ को और चौड़ी करते हुए राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने गुरुवार शाम घोषणा की कि अब से वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सामाजिक बहिष्कार करेंगे. राज्यपाल बोस ने यह भी स्पष्ट किया कि ‘सामाजिक बहिष्कार’ से उनका मतलब है कि वह अब से मुख्यमंत्री बनर्जी के साथ कोई सार्वजनिक मंच साझा नहीं करेंगे.
राज्यपाल कार्यालय द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में सी.वी. आनंद बोस ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री का सामाजिक बहिष्कार करूंगा. सामाजिक बहिष्कार का मतलब है कि मैं मुख्यमंत्री के साथ कभी कोई मंच साझा नहीं करूंगा. मैं ऐसी किसी बैठक में शामिल नहीं होऊंगा, जिसमें मुख्यमंत्री मौजूद हों.”
संदेश में राज्यपाल ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि राज्य सरकार ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की जांच को में अच्छी तरह कार्रवाई करने में चूक के लिए कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत कुमार गोयल के खिलाफ कार्रवाई की उनकी सलाह को नजरअंदाज कर दिया.
इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई थी. राज्यपाल के अनुसार, कमिश्नर गोयल ने जिस तरह से मामले में कार्रवाई की, वह बेहद संदिग्ध था और इसे एक तरह की “आपराधिक गतिविधि” कहा जा सकता है, जिसके लिए उनके साथ कानूनी प्रावधानों के अनुसार निपटा जाना चाहिए.
राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री पर तीखा हमला किया और यहां तक कि बनर्जी को “लेडी मैकबेथ” तक कह डाला और दावा किया कि राज्य में हर जगह हिंसा हो रही है.
लेडी मैकबेथ विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘मैकबेथ’ की मुख्य चरित्र है. वह काफी मजबूत इरादों वाली महिला है, लेकिन अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गलत रास्ते अपनाने से भी परहेज नहीं करती.
राज्यपाल ने कहा कि ऐसी स्थिति में वह चुप नहीं रह सकते. उन्होंने कहा कि राज्य सचिवालय लंबे समय तक लोगों के अविश्वास को दबा नहीं पाएगा. सच्चाई सामने आएगी। राज्यपाल ने 16वें अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की एक उक्ति दोहराते हुए कहा, “आप कुछ लोगों को कुछ समय के लिए मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप सभी लोगों को हर समय मूर्ख नहीं बना सकते.”